जगाओ जगाओ
पर किसे ?
किसी और को नहीं
अपने सपनो को
अपने आप को
अपने आश को
अपने रोम - रोम को
खुद जाग जाओगे
तो
जिसने तुम्हारी जगा हुआ
जोश को
होश को
उन्नत और उद्दत रूप को
देख लेगा
तब तक नहीं
सो पायेगा
जब तक तुम्हारी
तरह जग नहीं जाएगा ।
----संजय झा "नागदह"
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