आज दो संदिग्ध लोगों को पुलिस की तत्काल हिरासत में देने में सफल हुआ । कैसे ?
आज अस्वस्थ होने के कारन कार्यालय नहीं जा सका। दो लोग पैंट ,टी सर्ट पहने चंदा मांगने आये। मेरी पत्नी से कहा की यहाँ भंडारा हो रहा है ,आप अपना सहयोग दीजिये किसी ने हजार दिया है तो कोई इतना, कोई उतना , इस तरह बोल कर रहा था। मैं एक कमरे लेटा हुआ था , बोली कोई चंदा माँगने आया है जरा देखिये कौन है ? मैंने कहा आप ने दरवाजा क्यों खोला ? बोली आप घर में थे इसलिए। देखिये कौन है ?
मैं दरवाजे पर गया पूछा - जी बताइये क्या है ?
संदिग्ध - भंडारा करवा रहे है ,इसलिए सहयोग चाहिए।
मैं - कहाँ ?
संदिग्ध - यहीं जिन्दल रोड पर।
मैं - कौन करवा रहा है ?
संदिग्ध - (छणिक मौन होकर) शिव शक्ति बाले हैं।
मैं - कौन हैं ये शिव - शक्ति बाले ?
संदिग्ध - दो भगवान की फोटो देते हुए , ये
मैं - ये क्या है ? ये तो फोटो है। यहाँ ऐसा प्रायः कोई नहीं है जो इस तरह काम करे और मुझे पता न हो ? नाम बताओ कौन करबा रहे है ?
संदिग्ध - फिर उसने एक विजिटिंग कार्ड निकालकर दिया। (कार्ड पर लिखा था "प्राचीन श्री शिव शक्ति शिशु आश्रम अन्नक्षेत्र भंडार (रजि ०) ,ऋषिकेश रोड, हरिद्वार। )
मैं - तो आपका ये सस्था तो हरिद्वार की है , आप कह रहे हो की जिंदल रोड पर भंडारा कराओगे , चलो मेरे साथ बताओ कहाँ भंडारा करोगे ? यहाँ ऐसा शायद कोई नहीं है जो इस तरह का नेक कार्य करे और मेरे जानकारी में न हो। फिर मैंने पूछा - कहाँ रहते हो ?
संदिग्ध - शाहदरा।
मैं - (दूसरे संदिग्ध से ) और तुम ?
संदिग्ध - (दूसरा संदिग्ध पहले से ) तुम ही बता दो।
संदिग्ध - (पहला संदिग्ध ) यहीं रहते है।
मैं - (मुझे इसी बात पर संदेह हो गया ) मैंने कहा - रुको पहले चौकी फोन करता हूँ। (और मैं फोन लेने घर के अंदर आया )
मैं दरवाजे पर गया पूछा - जी बताइये क्या है ?
संदिग्ध - भंडारा करवा रहे है ,इसलिए सहयोग चाहिए।
मैं - कहाँ ?
संदिग्ध - यहीं जिन्दल रोड पर।
मैं - कौन करवा रहा है ?
संदिग्ध - (छणिक मौन होकर) शिव शक्ति बाले हैं।
मैं - कौन हैं ये शिव - शक्ति बाले ?
संदिग्ध - दो भगवान की फोटो देते हुए , ये
मैं - ये क्या है ? ये तो फोटो है। यहाँ ऐसा प्रायः कोई नहीं है जो इस तरह काम करे और मुझे पता न हो ? नाम बताओ कौन करबा रहे है ?
संदिग्ध - फिर उसने एक विजिटिंग कार्ड निकालकर दिया। (कार्ड पर लिखा था "प्राचीन श्री शिव शक्ति शिशु आश्रम अन्नक्षेत्र भंडार (रजि ०) ,ऋषिकेश रोड, हरिद्वार। )
मैं - तो आपका ये सस्था तो हरिद्वार की है , आप कह रहे हो की जिंदल रोड पर भंडारा कराओगे , चलो मेरे साथ बताओ कहाँ भंडारा करोगे ? यहाँ ऐसा शायद कोई नहीं है जो इस तरह का नेक कार्य करे और मेरे जानकारी में न हो। फिर मैंने पूछा - कहाँ रहते हो ?
संदिग्ध - शाहदरा।
मैं - (दूसरे संदिग्ध से ) और तुम ?
संदिग्ध - (दूसरा संदिग्ध पहले से ) तुम ही बता दो।
संदिग्ध - (पहला संदिग्ध ) यहीं रहते है।
मैं - (मुझे इसी बात पर संदेह हो गया ) मैंने कहा - रुको पहले चौकी फोन करता हूँ। (और मैं फोन लेने घर के अंदर आया )
फिर जैसे ही गेट पर जाता हूँ दोनों फरार। चारो तरफ ढूंढा कही दिखाई नहीं दिया। फिर अपने पडोसी मित्र श्री राजेश गुप्ता जी को आवाज दिया, वो भी आज किसी कारन वश घर में ही थे। फिर दोनों मिलकर ढूंढा , अगल - बगल से पूछा कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। मुझे लगा की वो घर के पीछे से एक रास्ता है उधर से निकल गया। फिर हमदोनो ने सोचा की चौकी को इस बात से अवगत कराया जाय। दोनों चौकी गए और चौकी इंचार्च श्री राठौर जी को पूरी कहानी सुनाया। चौकी इंचार्च श्री राठौर जी ने तत्काल पी सी आर को सुचना दिया की इस तरह के दो व्यक्ति कही दिखे तो उसे पकड़ कर चौकी ले आना। फिर हमलोग वापिस हो गए। रास्ते में दोनों हमदोनों ने सोचा की एक बार पूरा कॉलोनी जहाँ तक संभव हो खोजते है मिल जाएगा तो ठीक रहेगा। हम दोनों ने अपने अनुमान के अनुसार उसे ढूंढना शुरू किया और वो दोनों मिल गया। फिर हमने तुरंत पी सी आर को कॉल किया और पी सी आर वैन एक मिंनट में हाजिर हो गया। दोनों को पी सी आर वैन में बिठा चौकी बिदा किया और हमदोनो भी पीछे -पीछे चौकी गए। चौकी में श्री राठौर जी थे ही और उन्होंने पूछताछ करना शुरू कर दिया ,मगर जबाब संतोषप्रद नहीं था। इसलिए दोनों को चौकी की हिरासत में आगे तहकीकात के रख लिया गया।
हमलोग घर आ गए , अब चौकी की कार्रवाई अपने हिसाब से होगा, जैसा पुलिस पूछताछ के अनुसार सही हो। पर हमने एक जिम्मेवार और सतर्क नागरिक होने का अपना धर्म निभाया।
संजय झा "नागदह"
दिनांक :18/08/2015