हम तो उठ खड़ा हो गये -
जज्बाते इश्क देखकर
इस तूफ़ान में शमाँ -
बेसक जल भी जाए
शमाँ जलते ही खुद बुझ गयी -
जलाती हुई शमाँ को देख कर।
---- संजय झा नागदह
Dated : 13/01/2016
जुवां सहम गयी तेरी दीदार से
ऐसा लगा अमावस कि रात पूर्णिमा हो गई
जैसे ही कि तुमने जाने कि बात
वही दिन और वही रात हो गई ।
--------संजय झा "नागदह"
Dated :22/03/2014
इंकार मुहब्बत कौन करे
जब डूबा दोनों प्यार कि सागर में
पहले तुम निकलो तो तुम निकलो
दोनों डूब गए इस सागर में।
-----------संजय झा "नागदह"
Dated :22/03/2014
जुवां सहम गयी तेरी दीदार से
ऐसा लगा अमावस कि रात पूर्णिमा हो गई
जैसे ही कि तुमने जाने कि बात
वही दिन और वही रात हो गई ।
--------संजय झा "नागदह"
Dated :22/03/2014
इंकार मुहब्बत कौन करे
जब डूबा दोनों प्यार कि सागर में
पहले तुम निकलो तो तुम निकलो
दोनों डूब गए इस सागर में।
-----------संजय झा "नागदह"
Dated :22/03/2014
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