न खुद का पता
न खुदा का पता
बैठा हूँ कहाँ ?
न इसका पता
न सोच का पता
न समझ का पता
जैसी बजी घंटी
मेरी फोन की
सब कुछ हो गयी लापता
क्योकि फोन उठाते ही
उन्होंने बता दी अपनी पता
अच्छा चलते है ---बाय बाय
--- संजय झा "नागदह"
दिनांक - 05/02/2015
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