परार तँ सभदिन ठानए
जतेक भ' सकैए राड
अपन तँ अपने लोक
बेबक्त करथि अरारि।
आनक गाइड़ माइर
एहन लोककेँ लागनि मिट्ठ
अपन लोकक सिनेह सेहो
लागनि गनपसारनि सन तीत।
अपन मुंह कतेक छन्हि फूजल
ताहि पर हो नञि कोनो बात
दोसरा मुदा सदैब लगा राखै
अपना पर सदिखन टाट।
@संजय झा 'नागदह'
29-12-2024
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