रविवार, 3 अगस्त 2025

सिराउर (मैथिली उपन्यास) - पाठकीय : संजय झा 'नागदह'

'सिराउर' एकटा मैथिली उपन्यास जकर लेखक थिकाह श्री दिलीप कुमार झा जे वस्तुतः उच्छाल (वनमाली टोल) गामक सम्प्रति मधुबनीमे रहि अध्यापन करैत भाषा साहित्यक सेवामे कतेको बरख सं अनवरत लागल छथि। हमरा हिनक पोथी पढ़बाक लालसा एहि कारने भेल जे हिनकर कविता संग्रह 'बनिजाराक देसमे' ताहि लेल यात्री सम्मान, उपन्यास 'दू धाप आगॉ' ताहि लेल डॉ गणपति मिश्र सम्मान प्रदान कएल गेल छन्हि। एहन सम्मानित व्यक्तिक उपन्यास सामने पड़ल तं खरीद क' पढ़ल। अपनाकें एकरा पढ़वा सं वंचित केना रखितहुं।
सच कहु तं उपन्यास लिखब आ ताहुमे मोनलग्गु, रुचिगर आ एहि तरहें जाहिसं पाठककें सेहो किछ नव - पुरान चीज, ओ ज्ञानादिमे बढ़ोतरि भ' सकन्हि सहज नहि थिक।
एहि उपन्यासक मध्य मिथिला क्षेत्रक बहुत रास बात समेटल गेल अछि। युवा वर्गके अपना क्षेत्रमे किछु नव आयाम स्थापित करबाक, एम्हरे रहि नव योजनाक संग रहि आगा बढवाक निश्चित रूप सं प्रेरणा भेंटतन्हि।
चायक दोकानसं प्रारंभ होइत, मिथिला चित्रकला संवर्धन ओ विस्तार, पढ़ि - लिखि अपनहि क्षेत्रमे सामूहिक प्रयास सं वाणिज्यिक विस्तार, समाजकें एकरूप करबाक, सबकें संग योजना बनेबाक, अनाथक नाथ बनि बेटा बना पालन पोषण करबाक, एतेक सुंदर ढंग सं रचने गढ़ने छथि तकर सराहना निश्चित रूपें कएल जेबाक चाही।

अनेक तरहक बातकें बहुत सुंदर ढंग सं परसल गेल अछि जाहि सं दूर भेल मैथिल जन यदि एहि उपन्यासकें पढ़ता तं बड् बात सबकें पुनरास्मरण भ' जेतन्हि। ब्राम्हण सं इतर वियाहक विधि विधान सेहो सब सं पाठक परिचित हेताह। एहि उपन्यासक मध्य प्रेम लीलाक मिठास अति लघु अछि जकरा कने आर नमारला सं पाठककें आर बेसी मनोरंजन होएतन्हि। ओना इ उपन्यासकें इति करबाक लेल प्रेम प्रसंग एकटा सार्थक प्रयास रहल अछि। दिलीप जीकें हृदय सं शुभकामना। तेसर.. चारिम लिखथि आ हम सब पढ़ि। नीक पोथी अछि पाठककें पढ़क चाहियन्हि।
पोथी : सिराउर (मैथिली उपन्यास)
लेखक: दिलीप कुमार झा
प्रकाशक: सिद्धिरस्तु
पोथी खरीदल: मैत्रेयी प्रकाशन क बुराड़ी विद्यापति समारोह कार्यक्रम स्थलक स्टॉल पर।
मूल्य: 200 टाका
कुल पृष्ठ: 160
छपाई : उत्तम

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