एखन दिल्लीमे छी। हमरा आब याद अवैत अछि जे मैथिली लिखब आ पढ़ब सँ कदाचित बाल्यहिं काल सँ रुचि रहल अछि। इ पोथी हमरा अपन बाबा आनि देने छलाह। हुनक नौकरी पेशा प्रकाशन क्षेत्रमे रहन्हि, जहिया धरि रोजगारमे रहलाह से प्रकाशनेक क्षेत्रमे। जेना हमरा जनतब अछि रेखा प्रकाशन जकर गेस पेपर इत्यादि चलैत अछि तकर मुख्य सहयोगीमे सँ एक हमर बाबा सेहो रहल छलाह। तकर कारण बाबा हमरा लेल नीक - नीक पोथी सब आनल करथि। एना कहि ओहि समयमे कक्षामे नव पोथी किनब सभक बसक नहि छलैक। प्रायः पहिल कक्षासँ दसम कक्षा धरि बाबा प्रतापे सबसँ पहिने हमरा नव पोथी आबि जाएल करै।
आब अबैत छी पुनः उड़ैत वंशी पर, हमरा जनैत तहिया प्रायः 1989-90 ई. के बात हेतै हम सातवीं कि आठवींमे छल होएब। तहिया एहि पोथीकेँ पढ़ने रही माने हमरा एहन बुझना जाएत अछि जे इ हमर पहिल पढ़ल मैथिली पोथी अछि । मोसकिल सँ 12-13 बरखक उम्र छल होएत तहियो हम पोथीकेँ अंडर लाइन करैत छलहुँ।
किछु अंश जे ओहि समय अंडर लाइन केने छलहुँ....
- मुक्तककार जकाँ गल्पकार सेहो रसक सभ अव्यवकेँ प्रत्क्षरूपसँ नहि परन्तु व्यंजनाक रूपमे व्यक्त करैत अछि।
- मानू मनुष्यक कोनो जघन्य पापसँ क्रुद्ध सूर्यक क्रोधाग्नि समुद्रक वेग जकाँ उमड़ल आबि रहल हो।
- स्वामीक विरहमे प्रतिपल आरती जकाँ जरैत मनोरमा भला ई कोना सोचितथि जे ओ दुर्गादासक स्मृतिसँ ओहिना हटि जाएतीह जेना राति भेलापर सूर्य आकाशसँ विलीन भ' जाइत अछि। ( इ पूरा वाक्य एखन धरि हमर मानस पटलमे पूर्ण स्मरण छल, मुदा इ विसरि गेल रहि जे क' त' पढ़ने रही)
- परंतु जे बहुरिया एतेक दिन धरि झाँपल छलीह से आइ खापरि लेलनि।
- मुदा भौजीक एहि बातपर श्यामाक क्रोध बिला क' नोर भ' गेलनि।
- खिसिआएल बानर जकाँ दाँत किटकिटा रहल छलाह।
- दूरक डाबरामे बैसल बेंग अपन ढोल बजा रहल छल।
- प्रेमक आगू स्त्रीगण माए-बापकेँ किछु क' नहि गुदानैत अछि।
- स्त्रिगणक प्रेमकेँ पानिक बुलबुला जकाँ ने बलबलाइते देरी ने बिलाइते।
- संबंध स्वार्थ पर आधारित रहैत छैक। गरीब संबंधिक पाप ग्रह होइत छैक जकरासँ लोक मुक्त रहए चाहैत अछि। (इ पूरा वाक्य सेहो एखन धरि हमर मानस पटलमे पूर्ण स्मरण छल, मुदा इ विसरि गेल रहि जे क' त' पढ़ने रही)
@संजय झा 'नागदह'
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