गुरुवार, 7 अगस्त 2025

बीहनि कथा - चुप्प नै रहल भेल ?

रातुक बारह बजे कनियां सं फोन पर बतियाइत छत पर गेलौं कि देखैत छी आगि लागल। जोर सं हल्ला कैल हौ तेजन हौ तेजन रौ हेमन .. अपन पित्तियौत भैयारी सेहो अपन छत पर छल ओहो हल्ला केलक । सभ उठल कोनो ना आगि मिझाएल । भोरे जहन गाम दिस गेनौ तं एक गोटे कहै छथि .... अहीकें रातिमे धरफरी छल, कने काल चुप्प नै रहल भेल !

@ संजय झा 'नागदह'

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बीहनि कथा - चुप्प नै रहल भेल ?

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