शनिवार, 2 अगस्त 2025

कवि रहस्य - पाठक लोकनिक संक्षित टिप्पणी


श्री विनोद नारायण झा आ संजय झा नागदह
सर गंगानाथ झाक प्रसिद्ध आ अतिगंभीर पोथी मे सँ एक पोथी 'कवि रहस्य'क मैथिली अनुवाद साहित्यकार श्री संजय झा "नागदह" कएलनि अछि। मधुबनी मे भेंट क' अनुवादित पोथी देलनि आ बहुत रास मिथिला- मैथिली पर विमर्श भेल..!!
संजय जी ई पोथी हुनकर उच्चकोटि क चिंतन-मनन क दिशा उद्घोषित करैत अछि ...!! शुभकामना....

श्री संजय जी भारत सँ बाहर रहितहुँ मैथिली भाषा के लेल बहुत रास काज क' रहला अछि से देख बहुत आह्लादित भेलहुँ..!!
श्री विनोद नारायण झा , पूर्व मंत्री, विधायक बेनीपट्टी


श्री उदय चन्द्र झा विनोद
शास्त्रक समस्त विद्या स्थानक एकमात्र आधार काव्य थिक जे वांगमयक द्वितीय प्रभेद अछि।काव्य के एहन मानबाक कारण ई छैक जे ई गद्य पद्यमय अछि संगहि हितोपदेशक सेहो। ई काव्य शास्त्रक अनुसरण करैत अछिःः से कथा हम नहि कहैत छी , कहैत छथि मिथिलाक वरद पुत्र महामहोपाध्याय सर गंगानाथ झा अपन प्रसिद्ध भाषणक किताब कवि रहस्य मे।1928ः29 मध्य देल गेल भाषण तथा हिन्दुस्तानी एकेडमी द्वारा प्रकाशित एहि किताब पर टिप्पणी करबाक पात्रता हम निश्चिते नहि रखैत छी तथापि एतबा कहब जे ई किताब हमरा सनक लोक लेल बड उपकारक अछि तथा युवा लेखक संजय झा नागदह एकर मैथिली रूपान्तर द्वारा उपकार कयलनि अछि। प्रत्येक कवि के अवश्ये एकर पारायण करबाक चाही। एहि लेल सुन्दर अनुवादक संजय आ नवारम्भक अधिष्ठाता अजित आजाद धन्यवादक पात्र छथि।
स्वनामधन्य झा साहेब भाषणक आरम्भहि मे कहैत छथिः
जखन कखनो हमरा हिन्दी मे व्याख्यान देबाक अनुमति होइत अछि तँ हमरा बड्ड लाज होइत अछि किएक तँ असल मे हिन्दी हमर मातृभाषा नहि अछि।हमर मातृभाषा ओ मैथिली भाषा अछि जकरा दस बारह बरख पहिने तक घृणाक दृष्टि सँ नाम राखल गेल छल छीका छीकी। सर झा गछलनि अछि जे हिनक एहि भाषणक आधार रहल अछि राजशेखर कृत काव्य मीमांसा आ क्षेमेन्द्र कृत कविकंठाभरण। कविक कर्त्तव्य, कवित्व शिक्षा, कविक समय ,राजाक कर्त्तव्य, चोरी, काल समय प्रभृति नाना विषय विवेचित अछि एहि किताब मे। ठीके कहैत छथि जे कविकृत्य वेदान्तक ब्रह्म जकाँ आवागमन सगोचर होइतो सर्वव्यापी सर्वभूता न्तरात्मा अछि। स्वतःस्मरणीय झा साहेब के सादर नमन करैत संजय बाबू के एहि अनुवाद हेतु प्रशंसा करैत छी। पुस्तकक हार्दिक स्वागत।
श्री उदय चन्द्र झा विनोद 17-06-2021

श्री सुनीत ठाकुर आ संजय झा नागदह 
पचासम साहित्यिक चौपाड़ि (दिल्ली एनसीआर) 28 नवंबर 2021 (रवि दिन) सफलतापूर्वक आयोजित भेल.
हमहुँ मित्र राहुल झा जीक संग पहुँचल रही.
साहित्यिक चौपाड़ि केर हम प्रशंसक छी एवं श्रोताक रूपमे सम्मिलित हेबाक यथासंभव प्रयास करैत छी. प्रत्येक मासमें एकबेर मैथिली साहित्यानुरागी सभक संग भेंटघाॅंट सुखद रहैत अछि, एहिमे साहित्यिक चौपाड़ि खूब नीक भूमिका निभा रहल अछि.
वर्तमानमे तंज़ानिया (अफ्रिका) में कार्यरत मित्र संजय झा 'नागदह' स' हुनक बहुचर्चित पोथी "कवि रहस्य", उपहार स्वरूप प्राप्त भेल संगहि डॉ आभा झा लिखित काव्यसंग्रह "चिनबार" सेहो उपहार स्वरूप भेटल. हृदय स' आभार दुनू गोटेक, पढलाक बाद पोथीक संबंधमे किछु कहि सकब.
अशेष शुभकामना साहित्यिक चौपाड़ि केर आयोजक लोकनिके, बधाई 💐💐
श्री सुनीत कुमार ठाकुर (एडमिन - हम सब मैथिल छी)


श्री ललित नारायण झा (सम्पादक मिथिला मिरर) आ श्री अजित आज़ाद 

नवारम्भ प्रकाशनक संस्थापक श्री अजीत आजाद द्वारा महामहोपाध्याय सर गंगनाथ झाक रचित एवं अग्रज मित्र श्री संजय झा "नागदह" द्वारा अनुदित पोथी "कवि रहस्य" प्राप्त भेल। पोथी पढ़लाक बाद विशेष समीक्षा करब। बधाइ संजय बाबूकेँ!

हमर मित्र बहुत मेहनत आ तन्मयता स ई पोथी ल क आबि रहल छैथ । उम्मीद कम्मे अछि जे कवि लोकनि कवि रहस्य पर नजरि देब चाहता कारण जे सबटा रहस्य खुलि जयबाक संभावना आ डर अछि ।
ई एकटा अनुदित पोथी जे म० महो० डा० सर गंगानाथ झाक कवि रहस्य के अछि । आशा अछि जे जाहि मनोयोग सँ हमर मित्र अकरा तैयार कयने छथि ताही मनोयोग सँ साहित्यिक आ पाठक समाज अकरा पढ़त आ स्वागत करत !
--- अश्विनी कुमार तिवारी ( 14/04/2021 )

बड नीक पोथी अछि अद्भुत वर्णन अनुवाद वाह काल्हि हमरा संजय झा जी भेटि केलनि महेन्द्र मलंगिया सर आ विभूति आनन्द सर नेपालक पुर्व उप प्रधानमंत्री राजेन्द्र महतो सर आओर वरिष्ठ साहित्यकार लोकनिक जे हमरासँ भेट करै चाहैत छलखिन्ह आहो भाग्य हमर भैटघाट गपशप भेलि हिनक लोकनिक फैन हम स्वंग छी

श्री हर्ष आचार्य - १७-११-२०२१


मात्र कवि नहि , पाठक लोकनि सेहो कवि रहस्य अवश्य पढताह !! हमरा पूर्ण विश्वास अछि । हम सोझ गप बुझैत छी , नहि पढताह तँ कविता आ निंघेसमे अन्तर कोना करताह ? तैँ अवश्य पढबाक चाही 🙏 ---नीरज कुमार 'नीरज' 14-04-2021


"कवि रहस्य " पढ़ैत ...... पढ़बाक हेतु सोचब कि पोथी अहाँक लग हाजिर .... कोनो कोनमे रही ,बस एक फोन ..व्हाट्सएप्प पर्याप्त । एक नहिं अनेक युवक, प्रकाशक आब व्यावसायिक दृष्टिसँ एहि दिस झुकलाह अछि। सेवा ,व्यावसायिकताक संग ... निस्संदेह एक सफल डेग ... तैं ने हजारियोबागमे ...… अनुवादक Sanjay Jha जीकेँ बधाइ . -
हितनाथ झा 23-06-2021


महामहोपाध्याय सर गंगानाथ झा जी द्वारा लिखित "कवि रहस्य" जेकर मैथिली अनुवाद आदरणीय Sanjay Jha भैया द्वारा कैल गेल पोथी आई प्राप्त भेल। विषय-वस्तु पढ़ी अवलोकनक संग एक बेर फेर उपस्थित भs सब टा सार संक्षिप्त में प्रस्तुत करब। - रौशन मैथिल 22-07-2021




Sanjay Jha thanks for such a lovely gift, Kavi Rahasya by Sir Ganga Nath Jha a true master piece, brother you have big shoes to fill, will review soon. Good look for your future. #कविरहस्य अनुवाद बेतरीन रचना के लिए अहां के बहुत बहुत धन्यवाद। गंगानाथ जी के कवि रहस्य अपने आप में एक अद्भुत रचना छी। उनकर रचना स न्याय, अपने आप में बड़का बात छी। बहुत जल्द एकर समीक्षा प्रस्तुत करई के कोशिश करब। भविष्य लेल अहाँ के बहुत बहुत शुभकामना। - प्रवीण भरद्वाज -10-07-2021


श्रीमती आभा झा 

.
..................कवि रहस्य..................
.तर्केषु कर्कशधियो वयमेव नान्य:
.काव्येषु कोमलधियो वयमेव नान्य:
‌ .कान्तासुरंजितधियो वयमेव नान्य:
.कृष्णे समर्पितधियो वयमेव नान्य:
श्री जयदेव
भगवती भारतीक कृपा सॅं दू-चारि भाषाक क..ट...बुझैत छियैक, किछु- किछु टेढ़-बाकुल लिखियो लैत छियैक। हॅं,पढ़बाक सौख सभदिन सॅं रहल अछि,एखनहुॅं अछि।एहि क्रम मे पुस्तक सभकेॅं अकानैत रहैत छी। सोशल मीडिया-पटल पर महामहोपाध्याय सर गंगानाथ झाजीक कविरहस्यक मैथिली-अनुवाद अभरल आ श्री अजित आजादजीक प्रसादात् हस्तगत भेल।

काव्यक उत्पत्ति कोना होइत छैक,एहि संबंध मे आचार्य मम्मट कहने छथिन-
"शक्तिर्निपुणता लोक काव्यशास्त्राद्यवेक्षणात्
काव्यज्ञशिक्षयाभ्यास इति हेतुस्तदुद्भवे।।"
अर्थात् प्रतिभाशक्ति,लोकशास्त्रक अवेक्षण आ अभ्यास सॅं काव्यक उद्भावना स्वीकार करैत छथि , आचार्य दण्डी नैसर्गिक प्रतिभा,अभ्यास,शास्त्रक ज्ञान आ लोक व्यवहारकेॅं काव्यक उत्पत्तिक कारण बुझैत छथिन, आचार्य वामन आ भामह जन्मजात प्रतिभा सॅं काव्यक सृजन संभव मानैत छथिन आ राजशेखर प्रतिभा (कारयित्री&भावयित्री), व्युत्पत्ति आ अभ्यासकेॅं काव्यक माध्यम मानैत छथिन।
जॅं कवि जन्मजात प्रतिभेटा सॅं किं वा अभ्यासे टा सॅं होइत अछि,त' ओकर रहस्य की? एहि विषयक चिन्तन केॅं काव्यमीमांसा आ कण्ठाभरण केॅं आधार बनाए महामहोपाध्याय अपन वैदुष्यपूर्ण दृष्टि सॅं अभिव्यक्ति देलखिन आ एहि गंभीर विद्वत्तापूर्ण विषयकेॅं सर्वजन- बोधगम्य बनयबा लेल श्री संजय झा जी एकर मैथिली अनुवाद कए श्लाघ्य काज केलनि अछि। आदरणीया शेफालिका वर्माजीक शुभाशंसा आ आशीष पोथीक गरिमा बढ़ा रहल अछि।

नवारम्भ-प्रकाशन सॅं आयल ई पोथी लेखनक ओहि दिशा दिसि संकेत कए रहल अछि जे प्राचीन काव्यशास्त्रीय अवधारणाक सार्वकालिकता आ सार्वभौमिकता दिसि आकृष्ट होइत अछि आ ओतए सॅं सारतत्व लए अभिनव सृजन मे प्रवृत्त होइत अछि।
श्री संजय जीकेॅं एहि कृति लेल भूरिश: अभिनन्दन संग बधाई,सभ भाषा,सभ विधा तथा सभ शैलीक रचनाक समावेशी प्रकाशन-प्रवृत्ति लेल श्री अजित आजादजीकेॅं साधुवाद।
जयतु मैथिली
आभा झा
१५.८.२०२१

श्री अमर जी झा 
DLF निवासी श्री संजय झा जी द्वारा महामहोपाध्याय डॉ गंगा नाथ झा कृत ग्रन्थक मैथिली भाषा में अनुवादित कवि-रहस्य नामक पोथी पढि मन अत्यंत हर्षित भ गेल।
संजय जी मैथिली आ मिथिला के प्रति समर्पित छैथ। विद्वानलोकैन अनुवाद कार्य के अधिक दुरूह मानैत छथि कारण जे ओहि में अनुवादक परतंत्र आ बांहल रहैत छथि। मूल सृजनकर्ताक मनोभावक अनुसरण केनाई परिवर्तित देश काल स्थिति में सेहो अनिवार्य रहैत छैक। मौलिकता के अक्षुण्ण रखनाई आवश्यक रहैत छैक। मैथिली साहित्यक जतैक परिचय आई धरि भेटल छल, ओहि में इ पहिल काव्यशास्त्रीय वा लक्षणग्रन्थ देखल। अनुवादक विद्वान यद्यपि वाणिज्यक छात्र छैथ, मुदा अगाध साहित्य प्रेमी छैथ। हिनकर ई कृति देखि मन गदगद भ गेल। हिनकर ई अमरकृति देखि आत्मग्लानि सेहो भ रहल , जे हमरा सभ झूट्ठौं के मैथिल छी असली काज त यैह केलैन्ह ,जे दीर्घकालिक रहतै। हम सब त दैल -भात -आलूसन्ना पाबि दिन - रैत फोंफियाईत रहैत छी । संजय जी के कोटि-कोटि शुभकामना , बधाई आ प्रणाम। मां सरस्वतीक सदिखन हिनकापर कृपा बनल रहैन्ह । जय मिथिला, जय मैथिली। 🙏💐सादर @ श्री अमर जी झा
27-07-2025


श्री हेमन्त झा आ संजय झा नागदह 


श्री महेश डखरामी जी  




कविरहस्य
 केर मैथिली अनुवादक आ हमर परम मित्र श्रीमान संजय बाबू के प्रकट दिवसक ढाकिए सूपे बधाई


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