जैसे ही मैं निकल रहा था
आप सबसे मिलने
की "दस्त" ने
दस्तक दे दी
कहा
कहाँ चले मेरे रहते ?
मैंने हाथ जोड़ दिया
कहा
जी हुजूर
मुझ में इतना
हिम्मत कहाँ ?
उन्ही से
निपटने लगा हूँ
आप चाहे तो
निपटने का
कुछ नुस्खा बताएं
इनसे मैं
कब से कह रहा हूँ
मुझे और न सताएं
पर क्या करूँ ?
ये जाने का नाम
नहीं ले रहें हैं
यही वजह है
की
आप से मुलाकात
नहीं हो रहे हैं
धन्यवाद
14/08/2014
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