Friday, 15 January 2016

विद्यापतिक मीनार

एकसर विद्यापति
ठाढ़ केलाह मैथिलीक मीनार
एहन मीनार
जे दुनियाँ देखय
कतेक केलाह
एहि पर विचार।

कतेक मैथिलीक विद्वतजन
खोदि - खोदि देखला मीनार
केहन पदार्थ लगाओल एहि में
अछि एखनो धरि संदिग्ध विचार।

नज़रि कतेको के टिक नहि सकल
कियाक
मीनार तs छैक सूर्य सँ सटल
करय पड़त नित
एहि लेल योग
तखनहि भेटत
एकर संयोग।

खोदला सब कियो मिलि जैड एकर
नोचय - पटकय में लागल छथि सब
नहि बुझि सकल
कियो आदि - अंत
तइयो,
कोरियाबय में लागल अछि सब।

मैथिली भाषाक स्तम्भ
ओ ठाढ़ केलाह
नहि नेतागिरी में भाग लेलाह
नहि केलाह कहियो
धरना ओ प्रदर्शन
करेलाह
कलम मात्र सँ
दुनियाँ के मिथिलाक दर्शन ।

आऊ
हम सब मिलि करि
हुनक बन्दन
एहि मैथिल पुत्र
मैथिलीक पुत्रकेँ
"संजय"क अछि
चरण बंदन।

संजय झा "नागदह "

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