Friday, 15 January 2016

अथ फिनायल कथा !

दुःख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी ……. ! 

मोबाइलक घण्टी बाजल ! स्क्रीन पर चमकै छल “ कनियाँ के फोन ” ! 
इग्नोरक त प्रश्ने नहि !! धरफरा क फोन उठौलौं 
----- हेलौ ! .... कहु ! सब ठिक कि ने ?
---- की ठीक ! ... लंच केलौं। 
----- हँ ! ..... छौड़ा सब ठिक अछि कि ने ? 
------ की ठीक रहत ! ...... जखन स' दर्श स्कूल सँ आएल अछि दर्श आ रित्विक दुनू उठ्ठम पटका केने अछि, 

मुदा ठीक अछि। 
------ यै , हमरा त' आहाँक फोनक घण्टी सुनिकय कने काल लेल बुझू त' हृदयक गति रुकि जाइत अछि । 

होइत रहइया जे की केलक इ सब छौड़ा से नहि जानि । जा धरि आहाँ इ नहि कहि दैत छी जे ई अगत्ती सब 

ठीक अछि ता धरि साँस टंगले रहैया नञि बाहर छोड़ि पबै छी आ नञि अन्दर क पबै छी । डरे बुझू प्राण 

सुखायल रहैया। तैं कहैत रहैत छी जे फोन अनेरो नहि कैल करु । ( मक्खन लगेलौं ) 
------- त' आहाँ अपने मोने एक बेर फोन क लेब से त' होइया नहि ! ( निर्विकार बजलैन ) 
-------- व्यस्त रहै छी , तैं नहि क पबैत छी। ( दाब देलौं ) 
-------- फेसबुक पर की ऑफिसक में !!! ( कनिया टिपलैन्हि । ) 
-------- छोड़ू इ बात सब ......... कहु कोनो खास बात !! ( मिमियैलियन ) 
---------- हँ ! ( हुँकारी देलैन ) 
---------- से की ? ..... बाजु ! ( मन हुदबुदाय लागल ) 
---------- काल्हिखन छोटका बौआ सबटा फेनाइल हरा देलकै , से अबैत काल एक बोतल फेनाइल ल' लेब । 

माँछी देखाइत छल, कतवो साफ क दैत छियै तैयौ एक - आध टा आबिए जाइत छैक। ( समस्या प्रकट 

केलन्हि 

---------- एकर माने ठीक सँ सफाई नै करैत हेबै । ठीक सँ कहियौ काज बाली के पोछा लगाओत । सबतरि 

माँछिये लगै छै की ? ( उत्क्रोँच देलियैन ) 
----------- यौ अपना भरि त' ठीके सँ लगबै छै, हम ताहि द्वारे आन काज छोड़ि पोछा लगबय काल हम ओकरे 

लग ठाढ़ रहै छी जे कहीं कतहुँ छोड़ि नहि दए। ( सफाई देलैन ) 
------------ गन्दा रहइया तैं न माँछी लगैया ? नहि त' कियै लगितै । ( टीपलहुँ ) 
------------ केहन गप्प कहै छी , हम त यौ बिना गन्दा के सेहो माँछी लगैत देखलियैया !!! ( कनी गर्मेली ) 
------------ लागि सकैत अछि जेना खाना परोसि राखी दियौ वा कोनो खाय बला सामान उघार छोड़ि दियौ , 

ओहो सब पर माँछी लागय लागत। हमरा जनैत ता एहनो भ' सकैत अछि। ( मद्धिमें बुझबय लगलहुँ ) 
----------- सेहो ठीक कहै छी, मुदा माछिक घर में प्रवेश बिना गन्दगी के संभव नहि। घर यदि सम्पूर्ण रूप सँ 

साफ़ - सुथरा रहत त' खेनाइ दू मिनट उघारो रहि सकैत अछि , ओहि पर माँछी नहि लागsत। अहुँ के लोक आ 

कि हम तावते धरि निक कहब, जा धरि स्वच्छ हृदय सँ संग रहब, आ जहिया मोन में कचरा भरि जायत 

तहिया हम की आ दुनियाँ की , नुका क' वा प्रत्यक्ष , कम की बेसी, खराप त कहबे करत । ( ज्ञान देलैनि ) 
---------- फेनाइल लेल फोन केने छलहुँ की हमरा संग लड़य लेल। हद भ गेल मौका भेटल की टूटि पड़ै छी । 

...... ठीक छै , बड्ड काज अछि । अबैत काल याद रहत त' नेने आयब। ...... फोन धरू ! किछु भोजनो कैल 

करी ... खाली हमरे माथ स काज नहि चलाबी ! 
जा किछु आर टिपतथि ताबैत फोन काटि धम्म स कुर्सी पर बैसि गेलहुँ आ पनिक बोतल मुँह में द देलियै .... 

\गट गट ...... !!!!

-------- संजय झा "नागदह"

(प्रकाशित - 

http://www.openbooksonline.com/group/maithilisahitya/forum/topics/5170231:Topic:691447

फेसबुक टिप्पणी :


Sanjay Jha हेमन्त भाई बिना पढ़ने ? एक बेर पढ़ि लिअ
Hemant Jha Ha ha ha ! Padhai me etek samay thorbe na laagai chhai Sanjay bhai.....
Sanjay Jha se ta saih..
Sanjay Jha
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Vimal Ji Mishra बात घिनायल फिनायल लेल,.......कहबनि गृहणि कें प्रमोशन भेल ,..कने नीक नुकुत ओरयेबे करति,.....मगन भऽ कें तिलकोरा तरति,..कथि लेल मन करतनि,गरियाबै लेल । जय हो ।
Sanjay Jha सैह ,की कहु
Sanjay Jha
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Ashwini Kumar Tiwari सुन्दर व्यंग्य । पतिक करुण रसक माछी के पत्नीक पत्नि रस ( रौद्र रस ) रूपी फिनायल द्वारा धो पोछि क चिक्कन क देबाक नीक कथा । हे ! फोनहु पर सदैव पतिये बनल रही । हमेशा याद राखी जे बन के गिद्दड़ जैहें किध्धर !!!!!!
Sanjay Jha नारी नहि छथि बेचारी - जाहि विधि राखथि
Ashwini Kumar Tiwari नारी में नर सँ ईकार बेसिये छै !!!!!!
Sanjay Jha तैं ने ई ...........................................
Ashwini Kumar Tiwari किं शायद
Sanjay Jha आब रह दियौ , नजरि गरौने छथि। मंगनी में हम वेचारा बनि जाएब।
Ashwini Kumar Tiwari जे छी से त छीहे अहि में फेर स बनय वला कोन गप ।
Sanjay Jha
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Arvind Kumar Jha सर एहेन व्यथा अहि कुमार बार स् कियाक पढ़बा लैत छी। कखनो काल डर हुअ लागैया।
अपनेक पोस्ट रहैत अछि ऐ उत्सुकता रहैत अछि जे अवश्य पढ़ि। मुदा एन्ना जे कहबै तखन त् एक्के टा गाना दिम्माग में घुमतै .. हम ने जेबोउ कोबर घर हमरा डर लागैया ..
Sanjay Jha जुनि डेराउ , सब ठीके रहत ! कोनो जरुरी छै सबटा कथा कहानी सत्ये होइ। किछु संवादों प्रेषित करवाक माध्यम लेल होइत छैक। सब नीके रहत।
Arvind Kumar Jha smile emoticon
Sanjay Jha
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Manoj Shandilya हाहाहा...बहुत बढ़ियाँ grin emoticon
Sanjay Jha कि चाचा जी खुली क' हँसी रहल छी , की बुझल जाए ?
Ashwini Kumar Tiwari बस ... एकटा गीत मन पड़ि गेल .... तुम इतना जो ....... ! अल्टिमेटली अहाँक चच्चो त पतिये मात्र !!!!
Amarnath Jha · 56 mutual friends
हेयौ !
सत्त कही तऽ बड़ नीक लागल ।
"ऊंचा चढ़ि चढ़ि देखा, सब घर एक्कहि लेखा"...See More
Manoj Shandilya संजय जी, बुझि तँ अहाँ गेले छी। तखन हँ, आब किछु अनुभवी भ' गेल छी तैं फोन काटय के धृष्टता किन्नहुँ नहि करैत छी..हाहाहा grin emoticon
Sanjay Jha बुझि गेलहुँ से बात बुझि मुस्की निकलि रहल अछि - एक दु वर्षक वाद हमरो अनुभव बढ़त त' एहन धृष्टता सँ आपरुप बाँचि जायब।
Sanjay Jha
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Jha Mahesh वाह !
खूब नीक ।
भावक भंगिमा उत्कृष्ट ।
Vaidya O P Mahto बड नीक लागल ! हमरो मीता नाना प्रकारक फरमाईशक फूराबा में फेनायल रहैत छैथ, जखन भेंट हेता,झोरा हाथे । कखनो दुनू प्राणी में सोझ मूँहे बात नञि होई छैन्ह । मीता के ईश्वरक कृपा सँ चारि टा संतान छैन्ह,तैँ मोन मारि माया में बन्हायल छथि ।
Vaidya O P Mahto अपनेक ई लेख पढ़ि मिताक वेदना मोन परि गेल ।
Sanjay Jha आभार , मनोबल उत्साहित करबालेल
Sanjay Jha
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Satee Raman Jha पारिवारिक विभिन्न समस्या आ वर्तमान जीवन शैली'क सजीव चित्रण - - - बहुत नीक लागल
Sanjay Jha आभार , मनोबल उत्साहित करबालेल
Sanjay Jha
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Amarnath Jha · 56 mutual friends
मोबाईल संवाद क माध्यमे एक नव विधा मे कथा रचबा लेल बधाइ ।
नींक लागल ।
Sanjay Jha आभार , मनोबल उत्साहित करबालेल
Sanjay Jha
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Deepak Jha जब्बर्दस्त..!
Sanjay Jha
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Sanjay Jha
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Hirakant Choudhary jabatdast superb wahhhhhhSee Translation
Sanjay Jha आभार , मनोबल उत्साहित करबालेल
Kameshwar Choudhary Bahut sundar prayog.yuva lekhak Sanjayji dwara.
Sanjay Jha
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Vijay Kumar Ghar Ghar dekha- Ekahi Lekha
शशि भूषण झा बहुत बढ़िया अछि।
प्रेरणा कश्यप प्रेरणा हमर भौजी के बदनाम जुनि करु ।विशेष गप्प इनबॉक्स में होयत
Vinod Kumar Mishra Aapkee Abhivyakti Padhkar, Padhne Waalon Ke Man Mein Chaahe Jo Kuch Bhee Bhaavnaa Aayee (in a First-Glance)- Use Aur Kuchh Nahee To- "Golden Tohfaa" Shabd Se Navaajnaa Hee, Behtar Dostee Kahlaataa Hai-

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