Sunday, 17 January 2016

हो तुम कौन सा जाति विशेष ?

सबसे पहले तुम मनुष्य हो 
फिर है कोई भी जाति 
मनुष्य का गुण हो वा न हो 
फिर भी नहीं प्रजाति। 

जिस मनुष्य में सभी जाति समाहित 
हो जाता है जीवन धन्य 
एक जाति का मात्र जो गुण हो 
जीवन हो जाएगा शून्य। 

ब्राह्मण से पांडित्य का गुण  लो 
शूद्र से सीखो सेवा भाव 
क्षत्रिय बन करो खुद व समाज की रक्षा 
वैश्य से सीखो हाट - बाजार। 

अब , अपने ह्रिदय में झाँक कर देखो 
कौन सा गुण है तुझमे विशेष 
मन ही मन खुद ही सोच लेना 
हो तुम कौन सा जाति विशेष। 

------- संजय झा "नागदह"
दिनांक :17/01/2016











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