Friday, 15 January 2016

स्नेहक बोल

दुखक सागर में 
स्नेहक बोल
उठा दैत छैक
एहन सुनामी 
जे 
अश्रुक धारा बनि
एहि सागरक पाइन के 
बहा दैत छैक 
कतहु आर 
बेशक 
छनिक होई वा स्थायी 
हिचकि - हिचकि क
प्रेम भरल बोलक करीन
उपछि दैत छैक 
कौखन ऐना 
जेना,
एहि ठाम 
दुखक सागर त' कात जाए
पोखरि वा इनारो
नहि छल 
मुदा इ सागर 
महासागरों में 
परिणित भ' जाएल 
करैत छैक 
नहि भेटला पर 
स्नेहक बोल

---- संजय झा "नागदह" 01/07/2015 

Manoj Shandilya बहुत नीक संजय जी। सुन्नर रचना smile emoticon
Sanjay Jha धन्यवाद, चाचा जी
Sanjay Jha धन्यवाद,
Birendra Kumar Jha भोरे-भोरे नोर किएक ?
रातुक बात पर शोर किएक ?
जे बीत गेलै,से बात गेलै।...See More
Sanjay Jha शोक , शोकानुकूले पर
नोर, चोटायल घाते पर
राति होय वा भोर ...See More
Sanjay Jha सुन्दर, धन्यवाद
Uma Kant Jha Bakshi बीतल बाते जीवन अछि।
नोर धीपल ठोर पर शीतलताक उपहार अछि।
Amarnath Mishra बढ़ियाँ
Jai ho ! Sundar !!
Shefalika Verma महासागरों में
परिणित भ' जाएल
करैत छैक
नहि भेटला पर
स्नेहक बोल.. ekdm sanch bajait chhi sanjay ...bdd bhawuk.....
Hemant Jha Jai ho ! Sundar !!
July 1, 2015 at 11:03am
Shefalika Verma महासागरों में
परिणित भ' जाएल
करैत छैक
नहि भेटला पर
स्नेहक बोल.. ekdm sanch bajait chhi sanjay ...bdd bhawuk.....
Sanjay Jha अपने सभक आशीर्वाद अछि - लिखा जाइत छैक
Shefalika Verma एकदम ठीक बजलों संजय कविता लिखल नै जायत छैक मुदा लिखा जायत छैक
ओ एकटा अद्भुद क्षण होइत अछ सृजन केर ।
Ramanath Jha वाह बहुत सुंदर, भाव विभोर कऽ देलौ
Praveen Jha Ekdam sahi bat.

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