शनिवार, 16 जनवरी 2016

सिनेहक बोल


दुखक सागरमे
सिनेहक बोल 
उठा दैत छैक
एहन सुनामी, जे 
अश्रुक धारा बनि
एहि सागरक पाइनकेँ  
बहा दैत छैक 
कतहु आर 
बेशक 
छनिक होई वा स्थायी 
हिचकि - हिचकि कS
प्रेम भरल बोलSक करीन
उपछि दैत छैक 
कौखन ऐना 
जेना,
एहि ठाम 
दुखक सागर त' कात जाए
पोखरि वा इनारो
नहि छल 
मुदा इ सागर 
महासागरोमे
परिणित भS जाएल 
करैत छैक 
नहि भेटला पर 
सिनेहक बोल !

---- संजय झा "नागदह" 01/07/2015 


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