छोड़ि छाड़ि मिथिला नगरी के
बसलहुँ देश विदेश
मिथिला भूमिक गीत गवै छी
मिथिला भूमिक गीत गवै छी
भटकि भटकि परदेश
पावन तिरहुत देश
हमर अछि मिथिला नगरी
खीच रहल अछि मैथिल,
खीच रहल अछि मैथिल,
देखू मैथिलक टंगरी
ककरा कहबै ?
ककरा कहबै ?
सब मस्त अछि खाक' भांग
भक्क खुजत त'
भक्क खुजत त'
कानमे भेटत ठूसल बाँग
गिरगिट हारल मैथिलक मारल
गिरगिट हारल मैथिलक मारल
भागल अड्डा छोड़ि
दोसर कोनो बात जुनि बाजु
दोसर कोनो बात जुनि बाजु
जे पसिन होइ तकरा छोड़ि।
संजय झा " नागदह "
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