एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य
आ नहीं, त अपने में होईत रहु विभाज्य ।
आ करैत रहु, हमरा चाही मिथिला राज्य
हमरा चाही मिथिला राज्य, हमरा चाही मिथिला राज्य।
मिथिला के भविष्य त, उठाये लेने छथि जगदीश
आबो त सब मिलि - जुलि क, हाथ जोड़ी नवाऊ शीश ।
जतेक संघ आ पार्टी, सब अपने -अपने करैत रहु तीन - पांच
ऐना जां करैत रहब, त कखनो नै मिळत घांच ।
बेसी हम की कहु, अपने सब छि बड्ड बुझनुक
कनी ओहो, कनी तोंहू, कनि कनिक सब झुक ।
जे सब एहि काज में झुकबहक, तकरे नाम उठ त'
आ नहि, त सबटा कबिलपंथी घुसरि जे त' ।
एतै कियो वीर बहादुर, सब के कर जोड़ी निहोरा करत
आ मिथिला के लोक के, एक जुट करैत, राज्य बनेबे टा करत ।
फेर पुछै छि, बात बुझै छि ? केना बनेबई मिथिला राज्य
एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य।
संजय कुमार झा "नागदह"
01/09/2013
No comments:
Post a Comment