बिकती नहीं बाजार में कुल, गुण, गौरव, शील स्वभाव
नहीं तो ये भी लोगों के घर के शो - केस में
सजाने के वस्तु हो जाती
और कौन कितना अच्छा
ये तो उसकी कीमत ही बताती
फिर तो गरीबों की घर
ये कभी भी न आती
अच्छा किया पर ऊपर वालों ने
इसे सामान न बनाया
नहीं तो अमीर लोग
गरीबों की धज्जियाँ और भी उड़ाती ।
संजय झा "नागदह"
Dated : 9/1/2015
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