Friday, 15 January 2016

हे माय तोरा प्रणाम

 उठ रौ बौआ , उठ रौ बेटा
भ' गेलै आब भोर 
कतेक करबै आब तु देरी 
सूर्यो भेलथि इन्होर ।

जाउ नहाउ आ जल्दी सँ आउ
जलखै भ' गेल ठंढा  
झटपट आहाँ पहिर लिअ 
पेंट, जूता ओ अंगा
उठाऊ झोड़ा, जाउ पाठशाला 
नै त' लागत डंडा
मुँहक बोल छै कड़गर ओकर 
ह्रदय बहाई छै गंगा ।

बोली बचन के बात नै पुछु -
कखनो रसगुल्ला सन मिठगर 
कखनो , तितगर नीमक पात सन 
एक रति जौं कष्ट जे देखलेत
छड़पटाय लागत -
बिन पाइनक ओ माछ सन ।
उम्र हमर आब भेल बहुत 
भ, गेलहुँ हम जवान 
तैयो ओकरा एहने लागय
इ अछि एखनो अज्ञान 
आब बुझाइया
किया बुझैया इ हमरा अज्ञान 
ठेंसो जखन हमर पुत्र के लागय 
निकलि जाइत अछि प्राण ।
हे माय तोरा प्रणाम !! हे माँ तोरा प्रणाम !! हे माँ तोरा प्रणाम !!!


संजय झा "नागदह"

 DATED 12/09/2014

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